Sanchar Saathi App पर सरकार का बड़ा U-Turn दिखाता हुआ थंबनेल, जिसमें स्मार्टफोन पर ऐप का लोगो और साथ में हिंदी टेक्स्ट ‘सरकार का बड़ा U-TURN! Sanchar Saathi ऐप पर नया अपडेट’ लिखा है।


Sanchar Saathi App Controversy: सरकार ने वापस लिया प्री-इंस्टॉलेशन आदेश, जासूसी के आरोपों पर क्या है आधिकारिक जवाब? पूरी रिपोर्ट

भारत सरकार के Sanchar Saathi App को लेकर पिछले दिनों देशभर में बड़ा विवाद खड़ा हो गया। ऐप को लेकर सोशल मीडिया से लेकर संसद तक सवाल उठे कि क्या यह नागरिकों की निगरानी (Surveillance) करने के लिए बनाया गया है। विवाद तब शुरू हुआ जब इसकी प्री-इंस्टॉलेशन पॉलिसी को लेकर गलतफहमी और विरोध सामने आया।

अब सरकार ने इस मामले पर स्पष्ट आधिकारिक अपडेट जारी किया है, जिसमें बताया गया है कि ऐप को लेकर अनिवार्य प्री-इंस्टॉलेशन का कोई निर्देश लागू नहीं रहेगा।


🔵 Sanchar Saathi App क्या है? (आधिकारिक उद्देश्य)

Sanchar Saathi ऐप भारत सरकार के Department of Telecommunications (DoT) की डिजिटल सेवा है। इसके प्रमुख उद्देश्य हैं—

  • अपने नाम पर चल रहे मोबाइल कनेक्शनों की जानकारी प्राप्त करना
  • अवैध, फर्जी या अनधिकृत सिम कनेक्शन की पहचान
  • खोए या चोरी हुए मोबाइल फोन की IMEI ब्लॉकिंग / अनब्लॉकिंग
  • दूरसंचार धोखाधड़ी और सिम-संबंधित अपराधों की रोकथाम

यह ऐप पहले से चल रही सरकारी सेवाओं जैसे CEIR और TAFCOP को आसान बनाने के लिए विकसित किया गया है।


🔥 विवाद कैसे शुरू हुआ?

विवाद तब तेजी से बढ़ा जब मीडिया रिपोर्टों और सोशल मीडिया पोस्टों में यह दावा सामने आया कि Sanchar Saathi ऐप को:

  • सभी नए स्मार्टफोनों में प्री-इंस्टॉल किया जाएगा
  • पुराने स्मार्टफोनों में भी OTA अपडेट के माध्यम से अनिवार्य रूप से भेजा जाएगा
  • और इसे न हटाया जा सकेगा, न disable किया जा सकेगा

इन दावों ने नागरिकों में यह चिंता पैदा कर दी कि कहीं यह ऐप जासूसी के लिए तो नहीं बनाया गया।

हालाँकि इन दावों को लेकर कई स्तरों पर स्पष्टता की जरूरत थी।


🟤 विपक्ष और जनता की प्रतिक्रिया

अनेक विपक्षी दलों, नागरिक समूहों और सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं ने इस नीति पर सवाल उठाए।
प्रमुख विपक्षी नेताओं ने कहा कि:

  • यह नागरिकों की गोपनीयता (Privacy) के लिए खतरा है
  • सरकार नागरिकों की निगरानी प्रणाली लागू कर सकती है

कुछ राजनीतिक बयानों में ऐप की तुलना पुराने विवादित सर्विलांस मामलों से भी की गई।

वहीं कई नागरिकों ने यह चिंता जताई कि यदि किसी ऐप को फोन में अनिवार्य रूप से इंस्टॉल किया जाए और हटाने का विकल्प भी न दिया जाए, तो यह गोपनीयता के अधिकार पर प्रभाव डाल सकता है।


🟦 सरकार का आधिकारिक बयान — विवाद पर लगाई पूर्ण विराम

भारी विरोध और सार्वजनिक चिंताओं के बीच, भारत सरकार ने आधिकारिक रूप से स्पष्ट किया है कि Sanchar Saathi ऐप को स्मार्टफोनों में प्री-इंस्टॉल करने का कोई अनिवार्य निर्देश लागू नहीं रहेगा।

सरकार ने कहा:

✔ “Sanchar Saathi ऐप का प्री-इंस्टॉलेशन अब अनिवार्य नहीं है।”

✔ “ऐप पूरी तरह वैकल्पिक (Optional) है।”

✔ “यूज़र ऐप को अपनी इच्छा से इंस्टॉल या अनइंस्टॉल कर सकते हैं।”

✔ “यह ऐप जासूसी या निगरानी के लिए नहीं बनाया गया है।”

यह अपडेट DoT, PIB प्रेस बयान, और मंत्रियों के मीडिया वक्तव्यों में स्पष्ट रूप से दर्ज है।

इसके साथ ही सरकार ने यह भी कहा कि ऐप का उद्देश्य केवल दूरसंचार सुरक्षा और उपभोक्ता हित है, न कि व्यक्तिगत डेटा पर निगरानी रखना।


🟨 क्या Sanchar Saathi ऐप जासूसी करता है? (तथ्यों पर आधारित विश्लेषण)

1. कोई सार्वजनिक प्रमाण नहीं

किसी आधिकारिक जांच, तकनीकी रिपोर्ट, साइबर सुरक्षा विश्लेषण या मीडिया संस्था द्वारा ऐसा कोई सबूत नहीं मिला है कि यह ऐप:

  • चैट पढ़ता है
  • फोटो/वीडियो एक्सेस करता है
  • बैंकिंग डेटा देखता है
  • कॉल रिकॉर्डिंग करता है
  • या किसी प्रकार का अनधिकृत निगरानी कार्य करता है

2. ऐप का मुख्य कार्य तकनीकी रूप से सीमित है

यह ऐप केवल:

  • IMEI का उपयोग
  • मोबाइल कनेक्शनों की वैधता जाँच
  • खोए फोन की रिपोर्टिंग

जैसे काम करता है।
यह यूज़र के निजी डेटा तक पहुँच नहीं करता।

3. विवाद ऐप के कारण नहीं, अनिवार्य नीति के कारण था

असल मुद्दा ऐप की क्षमता नहीं, बल्कि अनिवार्य इंस्टॉलेशन की आशंका थी, जो अब सरकार ने वापस ले ली है।


🟧 टेक विशेषज्ञ क्या कहते हैं?

तकनीकी विशेषज्ञ मानते हैं कि:

  • ऐप का उद्देश्य नागरिक-सुरक्षा है
  • लेकिन किसी ऐप को system-level अनिवार्य बनाना privacy को प्रभावित कर सकता है
  • सरकार का आदेश वापस लेना सही कदम था
  • पारदर्शिता (Transparency) और डेटा सुरक्षा नीतियाँ स्पष्ट रहनी चाहिए

विशेषज्ञों का यह भी कहना है कि भविष्य में ऐसे किसी ऐप को रोलआउट करने से पहले जन-सलाह (public consultation) जरूरी है।


🟩 वर्तमान स्थिति (साफ और आधिकारिक)

  • ❌ Sanchar Saathi ऐप अब अनिवार्य नहीं है
  • ✔ यह ऐप वैकल्पिक है
  • ✔ यूज़र इसे अनइंस्टॉल कर सकते हैं
  • ✔ सरकार ने कहा कि यह जासूसी नहीं करता
  • ✔ ऐप अभी भी fraud-prevention और lost phone recovery के लिए उपयोगी माना जाता है

🟫 आम यूज़र के लिए क्या मतलब? (Practical Summary)

  • यदि आपके फोन में ऐप है — यह आपकी निजी जानकारी नहीं पढ़ता
  • आप इसे चाहें तो अनइंस्टॉल कर सकते हैं
  • कोई डेटा सुरक्षा शिकायत सामने नहीं आई है
  • ऐप उपयोगी है यदि आपका फोन चोरी हो जाए या फर्जी सिम आपके नाम पर निकल जाए
  • ऐप का उपयोग पूरी तरह आपकी इच्छा पर निर्भर है

Final Conclusion — आधिकारिक रूप से स्पष्ट, विवाद समाप्त

Sanchar Saathi ऐप को लेकर जासूसी के आरोपों का कोई प्रमाण नहीं मिला है।
विवाद मुख्य रूप से उस अनिवार्य प्री-इंस्टॉलेशन नीति को लेकर था, जिसे सरकार ने अब वापस ले लिया है।

सरकार के आधिकारिक बयान के अनुसार:

“Sanchar Saathi ऐप अब पूरी तरह वैकल्पिक है, और यह किसी भी प्रकार की जासूसी नहीं करता। इसका उद्देश्य केवल उपभोक्ता सुरक्षा और दूरसंचार धोखाधड़ी की रोकथाम है।”

इस स्पष्टिकरण के बाद ऐप को लेकर फैली गलतफहमियाँ काफी हद तक दूर हो गई हैं ।