🏛️ तकनीकी विश्लेषण (Dec 2025 Update): यह लेख PMFBY की 'Revamped Operational Guidelines' और कृषि मंत्रालय की अधिसूचनाओं पर आधारित है। अंतिम तिथि: 31 दिसंबर 2025
PMFBY Rabi Fasal Bima Yojana 2025-26 Official Thumbnail showing Claim Formula, 12% Penalty Rule and Last Date


🌾 PMFBY Rabi 2025-26: नियम, क्लेम और तकनीकी विश्लेषण (The Complete Dossier)

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) केवल एक फॉर्म भरने तक सीमित नहीं है। क्या आप जानते हैं कि आपकी बीमित राशि (Sum Insured) 'Scale of Finance' के आधार पर तय होती है, न कि आपकी मर्जी से? क्या आपको पता है कि क्लेम में देरी होने पर बीमा कंपनी को 12% ब्याज देना पड़ता है?

इस डीप रिसर्च गाइड में हम उन बारीक नियमों (Fine Prints) को उजागर करेंगे जो क्लेम मिलने और रिजेक्ट होने के बीच का अंतर तय करते हैं।


📑 इस रिपोर्ट में आप जानेंगे (Deep Index):

  1. रबी 2025 का प्रीमियम और Scale of Finance का गणित
  2. Insurance Unit (IU): पटवारी हल्का vs ग्राम पंचायत का नियम
  3. क्लेम के 4 चरण और "On-Account Payment" की शर्त
  4. 12% ब्याज (Penalty Clause): देरी पर किसान का अधिकार
  5. आवेदन प्रक्रिया: KCC Opt-Out का 7 दिन वाला नियम

💰 1. प्रीमियम और बीमित राशि का असली सच

किसान अक्सर पूछते हैं कि "मेरा बीमा कितने रुपयों का हुआ?" इसका जवाब DLTC (District Level Technical Committee) तय करती है।

फसल किसान का हिस्सा (%) बीमित राशि (Calculation)
रबी (गेहूं, चना, जौ) 1.5% Scale of Finance × हेक्टेयर क्षेत्र
(जिला कमेटी द्वारा निर्धारित लागत)
व्यावसायिक (सरसों, आलू) 5.0%

बारीक जानकारी: किसान को प्रीमियम पर कोई GST नहीं देना होता है। पूरा GST सरकार वहन करती है।


🏗️ 2. Insurance Unit (IU) और क्लेम का फार्मूला

PMFBY में "Area Approach" लागू होता है। इसका मतलब है कि क्लेम की गणना एक किसान के खेत पर नहीं, बल्कि एक निर्धारित क्षेत्र (Insurance Unit) पर होती है।

  • Insurance Unit (IU): यह 'ग्राम पंचायत' या 'पटवारी हल्का' हो सकता है।
  • नियम: अगर IU में औसत पैदावार (AY), गारंटीड पैदावार (TY) से कम है, तो उस क्षेत्र के सभी किसानों को क्लेम मिलेगा, चाहे उनके निजी खेत में नुकसान हुआ हो या नहीं।
🧮 सरकारी क्लेम फार्मूला:

क्लेम = [(Threshold Yield - Actual Yield) ÷ Threshold Yield] × बीमित राशि

🛡️ 3. रिस्क कवरेज के 4 तकनीकी चरण

Stage A: बुवाई असफल (Prevented Sowing)

  • शर्त: अगर 75% क्षेत्र में बुवाई नहीं हो पाई।
  • लाभ: बीमित राशि का 25% तुरंत भुगतान और पॉलिसी समाप्त।

Stage B: खड़ी फसल (Mid-Season Adversity) - ⚠️ बारीक नियम

  • अगर सीजन के बीच में बाढ़/सूखा आए और अपेक्षित उपज 50% से कम हो।
  • On-Account Payment: कुल बीमित राशि का 25% एडवांस मिलता है। यह राशि बाद में फाइनल क्लेम में एडजस्ट होती है।

Stage C: स्थानीय आपदा (Localized Calamity)

  • ओलावृष्टि, भूस्खलन, जलभराव, बादल फटना।
  • यह व्यक्तिगत खेत के सर्वे पर मिलता है।
  • नियम: 72 घंटे में सूचना देना अनिवार्य।

Stage D: पोस्ट हार्वेस्ट (Post-Harvest)

  • कटाई के बाद खेत में सूखने के लिए रखी फसल।
  • सिर्फ 'चक्रवाती बारिश' कवर होती है।
  • समय सीमा: कटाई के 14 दिनों तक।

⚖️ 4. देरी होने पर 12% ब्याज का नियम (Pro-Farmer Rule)

यह जानकारी बहुत कम जगह मिलती है। Revamped Guidelines 2020 के अनुसार:

"यदि बीमा कंपनी तय समय सीमा (Cut-off date) के बाद क्लेम भुगतान में देरी करती है, तो उसे किसान को 12% वार्षिक ब्याज की दर से अतिरिक्त भुगतान करना होगा।"

यह नियम राज्य सरकार द्वारा सब्सिडी (Subsidy) जारी करने की तिथि से लागू होता है।


📝 5. आवेदन प्रक्रिया (KCC और Non-KCC)

KCC किसान (Opt-Out सुविधा)

अब बीमा जबरदस्ती नहीं है। यदि आप रबी 2025 का बीमा नहीं चाहते:

  • आपको 31 दिसंबर से 7 दिन पहले (यानी 24 दिसंबर तक) बैंक में लिखित फॉर्म देना होगा।
  • यदि आपने फॉर्म नहीं दिया, तो बैंक 'Deemed Acceptance' मानकर प्रीमियम काट लेगा।

फसल बदलने का नियम (Change of Crop)

सबसे बड़ी गलती: अगर आपने बीमा कराते समय 'गेहूं' लिखवाया और बाद में 'सरसों' बो दी, तो क्लेम रिजेक्ट होगा।
समाधान: बुवाई के 2 दिन के भीतर बैंक/CSC को लिखित में सूचना दें।


Disclaimer (अस्वीकरण): यह लेख गहन शोध और आधिकारिक दस्तावेजों पर आधारित है। हम सरकारी संस्था नहीं हैं। नियम राज्य-दर-राज्य थोड़े भिन्न हो सकते हैं। विवाद की स्थिति में कृषि मंत्रालय का निर्णय अंतिम होगा। आधिकारिक पोर्टल: pmfby.gov.in